बोले सीएम योगी: आईजीएल की तरह अन्य संस्थाएं भी गोद लें प्राथमिक स्कूलों को
सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक स्कूल जुड़ियान का कायाकल्प करने के लिए आईजीएल (इंडिया ग्लाईकॉल्स लिमिटेड) की तारीफ की। कहा कि समाज सेवियों, उद्यमियों, जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों को भी ऐसे सरकारी स्कूलों को गोद लेकर विकसित करना चाहिए। इनमें गरीब तबके के बच्चे पढ़ते हैं। उनके विकास में मदद करना पुनीत कर्म है।
कायाकल्प के बाद शनिवार को स्कूल का लोकार्पण करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश में 1.58 लाख प्राथमिक स्कूल हैं। यहां सर्वाधिक गरीब बच्चे पढ़ते हैं। यहां देख कर अच्छा लगा कि आईजीएल ने बच्चों के स्कूल को पूरी तरह से बदल दिया है। कमरे व भवन तो सुंदर बन ही गए हैं, महौल भी बेहतर लग रहा है। जबसे बीजेपी सरकार आई है, इन स्कूलों का कायाकल्प अभियान चला रखा है। अब तक 92 हजार स्कूलों का कायाकल्प हो चुका है। बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। आईजीएल ने गोरखपुर में पहले पिपरौली जूनियर हाईस्कूल का कायाकल्प किया और अब प्राथमिक स्कूल जुड़ियान का।
समाज के सक्षम लोगों को भी इसके लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अप्रैल व जुलाई में स्कूल चलो अभियान चलाया जाएगा। इसमें समाज के ऐसे लोगों को भी शामिल किया जाएगा जिनकी बातों का समाज पर असर होता हो। सभी मिल कर बच्चों को पहुंचाने का काम करेंगे ताकि एक भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। शिक्षित बच्चे समाज की बेहतरी व विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। कार्यक्रम में युवा कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. विभ्राट चंद कौशिक, राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त अश्वनी त्रिपाठी, ब्लाक प्रमुख प्रिंस अगम सिंह, रमेश सिंह, जवाहर कसौधन, नागेन्द्र सिंह, आईजीएल के एसके शुक्ला, आशीष सिंह, बृजमोहन शर्मा, रवीन्द्र सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
आंगनबाड़ी केन्द्र में दो बच्चों को खिलायी खीर, बोले हर स्कूल में ऐसे ही हों केन्द्र
सीएम ने स्कूल के निरीक्षण के दौरान जब आंगनबाड़ी केन्द्र में बैठे बच्चों को देखा तो खुश हो गए। यहां बच्चों के खेलने वाले तमाम खिलौने मौजूद थे। कुर्सी व मेज भी खास तरह से रखे गए हैं। बच्चे इन पर बैठकर खुश थे। दीवारों पर चित्र व खेल के उपकरणों से भी उन्हें सीखने में मदद मिल रही थी। सीएम ने दो बच्चों को खीर खिलाया और उनके नाम पूछे। पूछा कि अच्छा लग रहा है या नहीं। बच्चों ने हां में सिर हिलाया। बाद में मंच से कहा कि ऐसे ही आंगनबाड़ी केन्द्र हर स्कूल में होने चाहिए। जहां बच्चे खेलने को आएं और खेल के जरिए ही पढ़ना सीखें। बाद में ऐसे ही बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिया जाए। जैसा प्लेवे में होता है।
पूरी तरह से मार्डन हो चुका है प्राथमिक स्कूल जुड़ियान
आईजीएल के बिजनेस हेड एसके शुक्ला ने बताया कि स्कूल का पुनरुद्धार करने पर करीब 50 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। परिसर को किसी भी कान्वेंट स्कूल के मुकाबले बेहतर बनाया गया है। प्रोजेक्टर लगाया गया है ताकि बच्चे पढ़ाई गई बातें असानी से समझ व ग्रहण कर सकें। कभी कक्षाओं को सुसज्जित कर सुंदर डेस्क बेंच लगे है। शानदार किचेन और भोजनालय बना है। पूरे स्कूल की निगरानी cc कैमरे से हो रही है। हेडमास्टर कक्ष से हर कमरे को साउंड सिस्टम से जोड़ा है। स्कूल में नए सिरे से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है। आंगनबाड़ी केन्द्र प्लेवे स्कूलों को मात देने वाला है। प्रोजेक्टर लगाया है हर कमरे में। स्थानीय लोगों ने कहा कि इतना सुंदर प्लेग्राउंड बन चुका है कि देखते ही बन रहा है। तीन महीने जब काम शुरू हुआ तो स्कूल की दशा बेहद दयनीय थी। अब वहां का शौचालय, कक्षाएं, कार्यालय व प्रार्थना का मंच सब कुछ बेहद सुंदर व सुसज्जित हो गया है। उन्होंने कहा कि सीएम समेत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से उन्होंने मांग की है कि प्राजेक्टर से पढ़ाने वाले, कंप्यूटर सिखाने वाले व वेलनेस ट्रेनिंग देने वाले शिक्षकों की तैनाती इन स्कूलों पर करें। किसी तरह की दिक्कत आए तो उनकी टीम मदद करने को तैयार है।